योग शब्द की उत्पति संस्कृत ब्याकरण के "युजसंयमने" "युजिर योगे" से हुई है।जिसका तात्पर्य आत्म दर्शन या आत्मसाक्षात्कार है योग चित्त को निर्मल करने की आध्यात्मिक विद्या है।योग एक सम्पूर्ण चिकित्सा विज्ञान है।योगाभ्यास से रोगी देह निरोगी बनता है। योग के आठ अंग हैं- यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान व समाधि।योगाभ्यास से असाध्य रोगों का बिना औषधि उपचार सम्भव है। मोटापा मधुमेह गठिया अल्सर कोलायिटिस दृष्टिक्षींणता रक्ताल्पता का योगसाधना द्वारा निदान सम्भव है।यौगिक उपचार मे षट कर्म कुंजल ,वस्त्रधौति,सूत्रनेति,जल नेति,कपालभाति ,सूक्ष्म-स्थूल व्यायाम,सूर्य नमस्कार,आगे पीछे बगल झुकने वाले आसन बिमारियों के अनुसार ,प्राणायाम,मुद्रा-ध्यान का अभ्यास लाभकारी है। देवभूमि उत्तराखंड यात्रा के दौरान रानीखेत की सुरम्य वादियों मे योगाभ्यास से मन आह्वलादित हुआ । सभी देश-विदेश स्थित योगानुरागियों को अंन्तराष्ट्रीय योग दिवश की मंगलमय शुभकामना ।
Manoranjan Kalia
Date 21-6-2023

 
No comments:
Post a Comment