पंडित रमाकांत जी तबला वादक का मेरे घर में आगमन हुआ जो की मूल रूप से नूरमहल के निवासी है उन के साथ उन की बेटी डॉक्टर लक्ष्मी प्रभा भी साथ आई जो की पुलिस DAV पब्लिक स्कूल जालंधर में संगीत विभाग की अध्यक्षा है पंडित रमाकांत जी स्वर्गीय पंडित कुञ्ज लाल जी के सपुत्र है गौरतलब है की स्वर्गीय पंडित कुञ्ज लाल जी मेरे माताश्री स्वर्गीय श्रीमती कंदंबरी कालिया को गायन विधा सिखाया करते थे और पंडित रमाकांत जी उस वक्त काफी छोटे थे तथा अपने पिता श्री के साथ मेरे ननिहाल नकोदर आया करते थे . पंडित रमाकांत जी ने इस मुलाकात में बहुत से संगीत के इतहास के पल मेरे साथ साँझा किये .स्वर्गीय पंडित कुञ्ज लाल जी को संगीत सीखने की इतने ललक थी कि वह नूरमहल से दिल्ली तक संगीत विधा सीखने के लिए गोस्वामी भागवत किशोर के पास गए . उस के पश्चात स्वर्गीय पंडित कुञ्ज लाल जी ने संगीत शिक्षा स्वर्गीय पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर , लाहौर से ग्रहण की , उस वक्त पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर जी ने पहले संगीत विश्व विद्दायाला की स्थापना की थी . स्वर्गीय पंडित कुञ्ज लाल जी ने ग़ुरबत के चलते संगीत शिक्षा ग्रहण की और शिक्षार्थीयो को संगीत की शिक्षा दी स्वर्गीय पंडित कुञ्ज लाल जी ग्वालियर घराना से थे व् पंडित रमाकांत जी संगीत के संदर्व से पंजाब घराना से सम्बन्ध रखते है .और उन्होंने अब तक 50000 से भी ज्यादा तबला वादकों को शिक्षा दी है श्री रमाकांत जी ने बताया की वह 1958 से लगातार हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में शामिल हो रहे है और बचपन में अपने पिताश्री के साथ हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में आने की शुरआत की थी .यह मुलाकात संगीत के अलिखित इतहास के कई पन्नो के तार छेड गई
Manoranjan Kalia
Date 30-12-2018