पुराने दतावेज़ों को टटोलते हुए, मुझे श्री लाल कृष्ण अडवाणी जी दुवारा मेरे पिताश्री स्वर्गीय मनमोहन कालिया जी को लिखी 41 साल पुरानी चिठ्ठी मिली जो कि उस वक्त के हालात को ब्यान करती है
| यह
चिठ्ठी श्री अडवाणी जी ने 08-12-1976 को सेंट्रल जेल बेंगलोर से सैंट्रल जेल फ़िरोज़पुर के पते पर भेजी थी जहा मेरे पिताश्री MISA
(Maintenance of Internal Security Act) के तहत इमरजेंसी में ग्रिफ्तार थे |
इस चिठ्ठी में श्री अडवाणी जी ने मेरे पिताश्री का 30 नवंबर को लिखी चिठ्ठी का धन्यावाद किया है | इस चिठ्ठी में श्री कृष्ण लाल जी (श्री कृष्ण लाल शर्मा ) का जिकर है जो कि अब दुनिया में नहीं है और वह जनसंघ व भारतीय जनता पार्टी के नेता थे और फ़िरोज़पुर जेल में बंद थे | मेरे पिताश्री भगन्दर (Fistula) का ओप्रशन करवाने के लिए कुछ समय के लिए parole पर आये थे और ओप्रशन करवाने के तुरंत बाद फिर जेल में चले गये थे | श्री अडवाणी जी ने मेरे पिताश्री का कुशलक्षेम पूछा
है और जल्दी जेल वापिस आने की सरहाना की है | मेरे पिताश्री के ओप्रशन की बात श्री अडवाणी जी को स्वर्गीय श्री कृष्ण लाल शर्मा जी ने पत्र दुवारा बताई थी |
श्री अडवाणी जी ने इस चिठ्ठी में कृष्ण लाल जी को 20 नवंबर को लिखी चिठ्ठी का ज़िकर है और आशा व्यक्त की है कि उनको मिल गई होगी | श्री अडवाणी जी ने कृष्ण लाल जी दुवारा 22 नवंबर को लिखी चिठ्ठी का भी ज़िकर
किया है कि उनको चिठ्ठी मिल गई है पर दो कविताये नहीं मिली जिसका उस चिठ्ठी में ज़िकर है |
श्री अडवाणी जी ने आगे लिखा है कि अक्टूबर माह में 10 दोस्तों को जेल से रिहा किआ गया परन्तु नवंबर माह में कोई भी
व्यक्ति रिहा नहीं हुआ परन्तु दिसंबर माह में दो दोस्तों को जेल से रिहा किआ गया है | परोल पर जाने के सन्दर्भ में, परोल
की निति में पहले से ढील दी गई है |
श्री अडवाणी जी ने इस बात की भी ख़ुशी वयक्त कि है कि सरदार गुरचरण सिंह टोहरा को पुनः शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अध्यक्ष चुन लिया गया है और वह इस सन्मान के पूरी तरह से हक़दार है | मेरी तरफ से उनको बहुत -बहुत वधाई का संदेशा देना |
श्री अडवाणी जी ने आगे डॉक्टर बलदेव जी कि पत्नी का हाल पूछा है और आशा व्यक्त कि है कि वह ठीक हो गई होगी | (डॉक्टर बलदेव का अर्थ डॉक्टर बलदेव प्रकाश से है जो कि उस वक्त अखिल भारतीय जन संघ के पंजाब प्रदेश के अध्यक्ष हुआ करते थे )|
अडवाणी जी ने आगे लिखा है कि हम सभी जहाँ कुशल है और हवा में कुछ ठण्डीर है और रात को कम्बल कि जरूरत पढ़ती है परन्तु उतरी भारत के मौसम का कोई मुकाबला नहीं है | यहाँ सारा साल मौसम ठंडा
और सुहावना रहता है |
सरदार हरभजन सिंह जी, कृष्ण लाल जी व अन्य दोस्तों को मेरे सादर ममस्ते |
(श्री अडवाणी जी ने नीचे सिर्फ "लाल " लिख कर अपने हस्ताक्षर किये है )
चिठ्ठी पढ़ कर कई पुरानी यादें ताजा हो गई कि हर सप्ताह कोले वाले इंजिन की रेलगाढ़ी से फ़िरोज़पुर मिलने जेल में जाया करते थे और सारा दिन लग जाता था मुझे याद है कि पिताश्री ने पंजाबी पढ़ना
व लिखना जेल में सीखा था और श्री गुरु ग्रन्थ साहिब का सहिज पाठ किया और जिस का भोग व् अरदास स्वर्गीय सरदार गुरचरण सिंह टोहरा ने की | सरदार हरभजन सिंह जी जिसका ज़िकर उपरोक्त चिठ्ठी में है सोशलिस्ट पार्टी के नेता थे , अकाली जनता सरकार बनने पर फ़ूड एंड सप्लाई मिनिस्टर रहे | मेरे पिताश्री को 26 जून 1975की सुबहे तक़रीबन 4-5 वजे पुलिस
ने घर कि दीवार फांद कर गिरफ्तार किया था सारा परिवार उस वक्त घर में बहार खुले में सो रहा था और पिताश्री को 26 जनवरी 1977
को फ़िरोज़पुर सैंट्रल जेल से रिहा किआ था और वह Train
द्वारा जालंधर पहुंचे थे और जन संघ के बहुत से कार्यकर्ता
उन्हें और स्वर्गीय श्री लाल चंद सभरवाल को लेने स्टेशन पहुंचे थे, में भी वहां मौजूद था | अब न मेरे पिताश्री है , न ही फ़िरोज़पुर की सेंट्रल जेल, जो की वकत की गर्द में खो गए |........... इस चिठ्ठी
(Historic Document) के साथ कई पुरानी यादे ताजा हो गई और ज़ख़्म हरे हो गए |