Thursday, 1 June 2023

 


2nd June-----37 th Death anniversary of my father Late Sh. Manmohan Kalia----Lines from his book "Thought At Midnight":-

अधिकाधिक अनिवार्य हो रहा, इस समाज से जाना I

यह है मांग समय की मुझको, होगा इसे निभाना II

फिर से इक सिद्धार्थ छोड़ कर अपने घर को जाये I

और हज़ारों साल बाद फिर, सच का पता लगाए II

लेकिन इतना अन्तर होगा, पहले से इस बार I

पहरेदारों के बिन होगा, खतरे में परिवार II

खर्चे के लिए पास में कोष और धन होगा I

साधनहीन और संकटमय सारा जीवन होगा II

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