PRESS
STATEMENT OF SH. MANORANJAN KALIA FORMER STATE PRESIDENT BJP PUNJAB AND FORMER MINISTER PUNJAB ON
28-07-2021
The Congress Government in Punjab
is Government of Scams. After scams in Excise & Taxation Department,
Revenue Department, Health Department, Social Security Department, Local
Government Department, another scam of 125 Crores in Industry Department has surfaced with the
legal opinion of Advocate General on the sale of 31 acre land of JCT
Electronics. The stamp of ex-post facto approval of the single bid was
initiated with the signature of the then ACS Industry Department and now Chief
Secretary Smt. Vini Mahajan. When the Plot of 31 acre was given on 99 years
lease by Punjab Infotech, the payment of
bid money should have been given to Punjab Infotech. Instead the GRG
Developers, the bidder offered to make
the payment directly to PSIEC and hence a suggestion was made by GRG developers
to enter into a tripartite agreement
which was accepted by PSIEC in principle
and conveyed to ARCIL without involving Punjab Infotech. The bidder has no
locus standi to offer a tripartite agreement to protect the interest of PSIEC,
when both Punjab Infotech and PSIEC are State sponsored body. It mean something
fishy is in this deal.
The acceptance of single bid by
Assets Reconstruction Company India Limited (ARCIL) in regard to auction of the Plot of
JCT Electronics raises a big question.
When it is the general instruction from the Government not to accept
single bid in any auction / contract, why was a single bid in the afore
said auction was accepted?, why was the said plot not re-auctioned ?
Sh. Kalia demanded the
resignation of Chief Secretary Smt. Vini Mahajan as it is her approval
which set the ball rolling for this scam,
the cancelation of auction and the CBI
enquiry be made to dig up the high up involved.
Sh. Kalia further said that
Advocate General of Punjab Government has indicted Industry Minister. Sh.
Sunder Sham Arora and Chief Secretary Vini Mahajan on the other hand Sh. Sunil
Jakhar Former President PPCC demanded action against S. Gurmit Singh Rana Sodhi on the issue of
double compensation firstly in 1962 Rs. 7384 and later on
Rs. 1.83 Crore in regard to 55 Kanal 6
Marlas land in Ferozpur.
Sh. Kalia demanded the dismissal
of Industry Minister Sh. Sunder Sham Arora, S. Gurmit Singh Rana Sodhi,
Minister of Sports and Youth Affairs, NRI Affairs and Chief Secretary Smt. Vini
Mahajan.
PRESS
STATEMENT OF SH. MANORANJAN KALIA FORMER STATE PRESIDENT BJP PUNJAB AND FORMER MINISTER PUNJAB ON
28-07-2021
पंजाब में कांग्रेस की सरकार घोटालों की सरकार है। आबकारी एवं कराधान विभाग, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक सुरक्षा विभाग, स्थानीय शासन विभाग में घोटालों के बाद उद्योग विभाग में 125 करोड़ का एक और घोटाला जेसीटी इलेक्ट्रॉनिक्स
(JCT Electronics) की 31 एकड़ जमीन की बिक्री पर महाधिवक्ता (Advocate General) की कानूनी राय से सामने आया है I श्रीमती
विनी महाजन तत्कालीन ACS उद्योग विभाग और अब मुख्य सचिव के हस्ताक्षर के साथ एकल बोली की कार्योत्तर स्वीकृति की मुहर शुरू की गई थी।
पंजाब इंफोटेक (Punjab Infotech) ने जब 31 एकड़ का प्लॉट 99 साल की लीज पर दिया था तो बोली की रकम पंजाब इंफोटेक को देनी चाहिए थी। GRG
डेवलपर्स के बजाय, बोलीदाता ने सीधे पीएसआईईसी को भुगतान करने की पेशकश की और इसलिए जीआरजी डेवलपर्स द्वारा त्रिपक्षीय समझौते की पेशकश का सुझाव दिया गया जिसे पीएसआईईसी (PSIEC)ने स्वीकार कर लिया था और एआरसीआईएल(ARCIL)
को त्रिपक्षीय समझौते के बारे में सैद्धांतिक रूप से स्वीकार करने के बारे में बता दिया था परन्तु पंजाब इंफोटेक को इसके बारे में भरोसे में नहीं लिया ।
जबकि पंजाब इन्फोटेक और पीएसआईईसी दोनों राज्य प्रायोजित निकाय (State Sponsored Bodies) हैं, तो बोलीदाता के पास पीएसआईईसी के हितों की रक्षा के लिए त्रिपक्षीय समझौते की पेशकश करने का कोई अधिकार नहीं है। इसका मतलब है कि इस सौदे में कुछ गड़बड़ है (मामला गड़बड़ है ) ।
जेसीटी
इलेक्ट्रॉनिक्स के प्लॉट की नीलामी के संबंध में एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी इंडिया लिमिटेड (एआरसीआईएल) द्वारा एकल बोली की स्वीकृति एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। जब सरकार की ओर से किसी भी नीलामी/अनुबंध में एकल बोली को स्वीकार नहीं करने का सामान्य निर्देश है, तो उक्त नीलामी में एक ही बोली को क्यों स्वीकार किया गया?, उक्त भूखंड की पुन: नीलामी क्यों नहीं की गई?
श्री कालिया ने मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन के इस्तीफे की मांग की
क्योकि श्रीमती विनी महाजन के
मंज़ूरी के बाद ही घोटाले कि शुरुवात हुई थी,
नीलामी रद्द करने और सीबीआई से जांच करवाने की श्री कालिया ने मांग की है ताकि घोटाले में सम्लित बड़े अधिकारीयों का कच्चा चिठा सामने लाया जा सके ।
श्री कालिया ने आगे कहा कि पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल ने उद्योग मंत्री श्री सुंदर शाम अरोड़ा
और मुख्य सचिव विनी महाजन को आरोपित किया है और दूसरी ओर श्री सुनील जाखड़ पूर्व अध्यक्ष पीपीसीसी ने स. गुरमीत सिंह राणा सोढ़ी के खिलाफ दोहरे मुआवजे के मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की है I उल्लेखनीय है कि श्री गुरमीत सिंह सोढ़ी
ने 15 कनाल 6 मरला भूमि फ़िरोज़पुर का मुआवज़ा पहले 1962 में 7383
रूपये लिया और बाद में पंजाब सरकार पर केस करके 183 करोड़ रुपये उसी भूमि का मुआवज़ा पंजाब सरकार से लिया।
श्री
कालिया ने स. गुरमीत सिंह राणा सोढ़ी, खेल और युवा मामले मंत्री, एनआरआई मामले, उद्योग मंत्री, श्री सुंदर शाम अरोड़ा, और मुख्य सचिव श्रीमती
विनी महाजन
को बर्खास्त करने की मांग की।
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