Wednesday, 1 July 2020




First photo----The Statue of Rishi Sushritha, The Father of Surgery  installed at the  "Royal Australia College of Surgeon, Melbourne" Australia.
Second Photo----Kosa ji whose Nose Surgery was done by Vaid Kumar, working on a brick kilan, during British Period.
सुप्रभात मित्रो , प्रणाम ........ आप सभी का आज का दिन मंगलमय हो .
हमें  गर्व  है भारतीय संस्कृति पर-------------टीपू सुलतान और अंग्रेज़ों के बीच तीसरा मैसूर युद्ध 1794  A.D.  में   हुआ I  मैसूर सैनिक युद्ध में पकडे गए अंग्रेजी सैनिकों को पकड़ कर उनकी नाक काट कर छोड़ देते थे ताकि वह  मुँह दिखाने ले लाइक रहे I इसी तरह   मैसूर सैनिकों ने एक ट्रक पकड़ा जिसमे अंग्रेजी सेना के लिए  भोजन  ले जाया जा रहा था I उस ट्रक को  कोसा जी नमक  एक मराठी ड्राइवर चला रहा था I टीपू सुलतान ने उसकी नाक को काटने का आदेश दिया I  युद्ध के अंत में नाक कटे कोसा जी को छोड़ दिया गया I
एक अंग्रेजी डॉक्टर,  जिससे बर्तानवी सैनिक अपने कटे नाक एक इलाज करवाते थे I  कोसा जी के नाक के  इलाज के लिए आगे आया परन्तु कोसा जी ने उससे इलाज करवाने के लिए इंकार कर दिया और कहा की उससे "कुमार" नामक  एक परम्परिक वैद के पास इलाज के लिए लेजाया  जाये I अंग्रेजी हुकमरानो ने उसे आधुनिक इलाज करवाने की बजाये परम्परिक इलाज करवाने पर आतुर होने के लिए बहुत झाड़ लगाई  I
कोसा जी ने उत्तर दिया कहा कि  "वैद कुमार  मेरी नाक दुबारा लगा देगा" I  अंग्रेजी हुक्मरान  कोसा जी की इस बात पर बहुत हँसे  परन्तु  अंग्रेजी हुकमरानो ने कोसा जी की बात ने और उससे वैद कुमार के पास ले गए I स्थानीय वैद कुमार ईटों के भठ्ठे पर काम करता था I वैद कुमार ने कोसा जी के माथे से चमड़ी उतारी और नाक पर उस चमड़ी को सिल दिया I कोसा जी की  नाक पुनः ठीक हो गई और माथे की चमड़ी भी दुबारा  गई I 
बर्तानवी डाक्टर जिसने यह सारा चमत्कार अपनी आँखों से देखा था ने इस सरे चमत्कार की पेंटिंग बनाई और बर्तानिया भेज दी I  यह पेंटिंग  देख कर,  बर्तानवी डॉक्टर जिसका नाम Dr. Joseph Constantine Carpue लंदन से भारत आया और वैद  कुमार से मिला से मिला I  यह बर्तानवी डॉक्टर कई साल भारत में रहा और यह सारा इलाक़ का  तरीका समझ कर वापिस चला गया I
Dr. Joseph Constantine Carpue लंदन चला गया और दुनिया की पहली प्लास्टिक सर्जरी 1816  में की जोकि उस वक्त "Carpue Operation"  के नाम से जाना गया I
वैद कुमार को प्लास्टिक सर्जरी की जानकारी कैसे हुई ?  
एक प्राचीन भारतीय ऋषि हुए है जिसका नाम सुश्रुत हुए है जिन्हों ने प्लास्टिक सर्जरी के बारे में 2500  साल पहले एक ग्रन्थ लिखा था जिसका नाम सुश्रुत संहिता है जिसमे प्लास्टिक सर्जरी की पूरी जानकारी दी गई है I  चाहे इस विधि का नाम प्लास्टिक सर्जरी है पर इस सर्जरी में कोई प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होता I  कितनी आश्चर्यजनक  बात है कि  भट्टे पर काम करने वाला भारत में प्लास्टिक सर्जरी का माहिर था I  कोसा जी जिसने प्लास्टिक सर्जरी करवाई उसका चित्र बर्तानवी अजायब घर में लगा हुआ है जो साथ में पोस्ट कर रहा हूँ I  
ऋषि सुश्रित जिसको फादर ऑफ  सर्जरी कहा गया है की उपरोक्त  प्रतिमा  रॉयल ऑस्ट्रेलिया कॉलेज ऑफ़ सर्जन , मेलबोर्न , ऑस्ट्रेलिया में स्थापित है परन्तु  ऋषि सुश्रित, फादर ऑफ़ सर्जरी की प्रतिमा भारत के किसी मेडिकल कॉलेज में नहीं पाएंगे  I क्या विडंबना है !



Manoranjan Kalia
Date 2 July 2020 .

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